सचिवालय में पांच साल से पदोन्नति की उम्मीद लगाए बैठे 123 समीक्षा अधिकारियों के अनुभाग अधिकारी बनने का रास्ता हुआ साफ, हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य सरकार बुधवार को इस संबंध में लिखित बताए कि अब तक पदोन्नति क्यों नहीं की गई ??
सचिवालय में पांच साल से पदोन्नति की उम्मीद लगाए बैठे 123 समीक्षा अधिकारियों के अनुभाग अधिकारी बनने का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य सरकार बुधवार को इस संबंध में लिखित बताए कि अब तक पदोन्नति क्यों नहीं की गई।.
लोकसेवा आयोग से चयनित 1987, 1991 और 1995 बैच के समीक्षा अधिकारियों ने वरिष्ठता सूची में छेड़छाड़ किए जाने को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इस बैच के 123 समीक्षा अधिकारियों ने कहा कि सचिवालय प्रशासन द्वारा वरिष्ठता सूची में छेड़छाड़ किए जाने की वजह से उनके कनिष्ठ अनुभाग अधिकारी बन गए। डा. किशोर टंडन की याचिका पर हाईकोर्ट ने नवंबर 2017 में राज्य सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा।
सचिवालय प्रशासन से पूछा गया कि वरिष्ठता का नजर अंदाज क्यों किया गया। इसे छह में ठीक करते हुए हाईकोर्ट को इससे अवगत कराया जाए। हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश के बाद भी सचिवालय प्रशासन ने इसे ठीक नहीं किया। हाईकोर्ट में सोमवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता से स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया। उन्होंने बार-बार समय देने की मांग की, लेकिन दो बार सुनवाई के बाद भी समय नहीं दिया गया। .
हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव सचिवालय प्रशासन से 9 मई को हाईकोर्ट में लिखित स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। समीक्षा अधिकारियों ने इसका स्वागत किया है। .
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