भारतीय सेना में फर्जी निवास प्रमाणपत्रों के जरिये जवानों की भर्ती के मामले में सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में दर्ज किया केस , 2016 में हमीरपुर में हुई सेना भर्ती का मामला , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
सीबीआइ लखनऊ की एंटी करेप्शन ब्रांच ने फर्जी निवास प्रमाणपत्रों के जरिये जवानों की सेना में भर्ती के मामले में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। यह मामला वर्ष 2016 में हमीरपुर में हुई सेना भर्ती का है। इनमें 34 अभ्यर्थियों ने फर्जी निवास प्रमाणपत्र लगाया था और 30 अभ्यर्थियों ने ट्रेनिंग तक की थी। फर्जी प्रमाणपत्र हमीरपुर एसडीएम कार्यालय से बनवाए गए थे।
सीबीआइ ने सेना के एक हवलदार, 34 अभ्यर्थियों व दलालों सहित 40 के खिलाफ नामजद व अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआइआर की है। हमीरपुर के तत्कालीन जिला प्रशासन के अज्ञात अफसरों की भूमिका का जिक्र करते हुए उन्हें भी आरोपितों में शामिल किया गया है। सीबीआइ लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने ने इस मामले में पूर्व में पीई (प्रारंभिक जांच) दर्ज कर पड़ताल की थी। 1जांच में भारतीय सेना के लखनऊ स्थित हेडक्वार्टर, रिक्रूटिंग आफिस के अधिकारियों-कर्मचारियों की भूमिका संदेह के घेरे में है। सीबीआइ की जांच में सामने आया कि हेडक्वार्टर रिक्रूटिंग जोन लखनऊ के जरिए उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में जवानों की भर्तियां की जाती हैं। इस जोन में नौ रिक्रूटिंग आफिस हैं। पहले फिजिकल टेस्ट, फिर मेडिकल एग्जामिनेशन के बाद अंतिम चरण में लिखित परीक्षा होती है।
एसटीएफ के हाथ लगा था सुराग
वर्ष 2016 में एसटीएफ ने सेना में फर्जी तरीके से जवानों की भर्ती के दो मामले पकड़े थे। तब हमीरपुर व अमेठी में हो रही भर्ती में भी धांधली होने की बात सामने आई थी। एसटीएफ ने आरोपित हवलदार व दलालों के बीच फोन पर हो रही डील की बातचीत रिकार्ड कर ली थी। मामला रक्षा मंत्रलय से जुड़ा होने के चलते एसटीएफ ने इसकी जानकारी सीबीआइ को दी थी।2016 में मध्य कानपुर कैंट में हुई थी .
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