29 अप्रैल को घोषित हुए यूपी बोर्ड के परिणाम में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की आशंका , मॉडरेशन और ग्रेस प्रणाली पर शिक्षको ने ही उठाये सवाल , सोशल मीडिया पर गोपनीय दस्तावेज वायरल होने से भी गड़बड़ी की आशंका , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
29 अप्रैल को घोषित यूपी बोर्ड के परिणाम में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। व्हाट्सएप, फेसबुक आदि सोशल मीडिया पर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज वायरल होने के बाद बोर्ड में हड़कंप मचा हुआ है। कोई भी कुछ बोलने से बच रहा है।.
व्हाट्सएप पर हिन्दुस्तान को मिले अवार्ड ब्लैंक (परीक्षार्थियों को जिस ओएमआर शीट पर अंक मिलते हैं) की फोटो और परीक्षार्थी के अंकपत्र का मिलान करने पर बड़ी अनियमितता समझ में आ रही है। हाईस्कूल की एक छात्रा को 70 नंबर की लिखित परीक्षा में परीक्षक ने महज दो नंबर अवार्ड ब्लैंक पर दिए हैं लेकिन इंटरनेट पर जो अंकपत्र अपलोड है उसमें उसी छात्रा को 23 नंबर मिले हैँ। यानि दो नंबर पाने वाली छात्रा को 21 नंबर अतिरिक्त दे दिया। जबकि बोर्ड से जुड़े लोग चोरी-छिपे पांच से आठ नंबर तक मॉडरेशन के नाम पर दिए जाने की बात स्वीकार कर रहे थे। लेकिन वायरल दस्तावेज से तो 21 नंबर तक बढ़ाने की आशंका का पता चल रहा है। .
बोर्ड के नियमों के मुताबिक हाईस्कूल में अधिकतम चार विषयों में पांच-पांच नंबर (कुल 20 अंक तक) ग्रेस मार्क मिलता है। लेकिन जिस तरह से नंबर दिए जाने की आशंका है उसमें बोर्ड के सारे कायदे-कानून भी दरकिनार हो गये।
No comments:
Post a Comment