लोक सेवा आयोग की रजिस्ट्रार भर्ती भी घिरी विवादों में , प्रतियोगी छात्रों ने आयोग पर लगाया आरोप बिना पद रिक्त हुए ही नौ लोगों का चयन कर लिया गया , छात्रों ने की सीबीआई कैंप कार्यालय में शिकायत , क्लिक करे और पढ़े पूरी खबर
लोक सेवा आयोग की रजिस्ट्रार भर्ती भी विवादों में घिर गई है। आरोप है कि बिना पद रिक्त हुए ही नौ लोगों का चयन कर लिया गया है। प्रतियोगी छात्र सुजीत कुमार ने इस मामले की शिकायत पहले लोक सेवा आयोग के सचिव से की थी। सोमवार को उन्होंने इस बारे में सीबीआई कैंप कार्यालय में शिकायती पत्र दे दिया।शिकायत के मुताबिक, केंद्रीयत सेवा नियमावली-1975 के तहत प्रदेश में रजिस्ट्रार के कुल 15 पद होते हैं। इनमें से 67 प्रतिशत यानी दस पद आयोग से भरे जाते हैं जबकि शेष पांच पदों पर पदोन्नति की जाती है।
सुजीत का कहना है कि आयोग पूर्व में दो बार में रजिस्ट्रार के कुल सात पदों के लिए चयन कर चुका है। इस प्रकार 10 के सापेक्ष सिर्फ तीन पद ही रिक्त थे। लेकिन आयोग ने कुल 12 पदों के लिए चयन करते हुए 27 अप्रैल 2018 को परिणाम घोषित किया है। सुजीत की मांग है कि 12 पदों पर हुए चयन को निरस्त करते हुए शासन से रजिस्ट्रार और परीक्षा नियंत्रक के रिक्त पदों पर स्पष्ट अधियाचन मांगकर नए सिरे से चयन प्रक्रिया की जाए।
ऐसी आशंका जताई जा रही है कि रजिस्ट्रार के जिन 12 पदों के लिए चयन किया गया है, उसमें परीक्षा नियंत्रक का पद भी शामिल हो गया है। जबकि परीक्षा नियंत्रक का चयन अलग से किया जाना चाहिए। सीबीआई ने सुजीत का शिकायती पत्र ले लिया है।उधर, सिविल लाइंस बांदा के रहने वाले शिवनारायण त्रिपाठी ने आरोप लगाया है कि रजिस्ट्रार के चयन में उन्हें अनुभव प्रमाण पत्र न होने का बहाना बनाकर जानबूझ कर बाहर कर दिया गया जबकि आयोग में प्रमाण पत्र न होने की स्थिति में औपबंधिक तौर पर इंटरव्यू में शामिल किए जाने की व्यवस्था है।
सुजीत की शिकायत के संबंध में आयोग के सचिव जगदीश का कहना है कि शिकायती पत्र मिला है। इसमें जो बिंदु उठाए गए हैं, उसकी जांच कराई जा रही है। आयोग का काम सिर्फ परीक्षा कराना है। बकौल सचिव, रिक्त पदों की सूचना शासन स्तर से दी जाती है।
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